रविवार, 22 अक्टूबर 2023

*कड़वी सच्चाई*

 जिन घरों में ,वो रोजाना ,अखबार, डालता है, उनमें से एक का लेटर बॉक्स उस दिन पूरी तरह से भरा हुआ था, जगह नही थी के वो उसमे और अखबार डाले,इसलिए उसने घर का दरवाजा खटखटाया।और जानना चाहा के क्या बात है।

उस घर की , बहुत बुजुर्ग सी दिखने वाली मालकिन मधु पांडे ने,थोड़ी देर के बाद, धीरे से, दरवाजा  खोला।

सामने अखबार वाला खड़ा था, बोला, मैडम, आपका लेटर बॉक्स इस तरह से भरा हुआ क्यों है?"क्या अखबार निकले नही आपकने पढ़े नही?

तब उन्होंने जवाब दिया, "ऐसा मैंने जानबूझकर किया है।" फिर वो मुस्कुराई और अपनी बात जारी रखते हुए  कहा "मैं चाहती हूं कि आप हर दिन मुझे अखबार दें। अब आगे से रोज दरवाजा खटखटाएं या घंटी बजाएं और अखबार मुझे व्यक्तिगत रूप से हाथ में सौंपें ।"

हैरानी से उसने पूछा, "हां ,आप कहती हैं तो मैं आपका दरवाजा ज़रूर खटखटाऊंगा, लेकिन यह हम दोनों के लिए असुविधा और समय की बर्बादी नहीं होगी क्या ?"मुझे आगे बहुत जगह अखबार  बाटने होते हैं और आपको भी इतनी सुबह सुबह यूं उठाना,कुछ ठीक नहीं लग रहा मुझे,

तब वो बोलीं, "आपकी बात सही है... फिर भी मैं यही चाहती हूं कि आप ऐसा करें ,मैं आपको दरवाजा खटखटाने के शुल्क के रूप में हर महीने 500/- रुपये अतिरिक्त दूंगी।"

विनती भरी अभिव्यक्ति के साथ, उन्होंने अपनी बात जारी रखी बोली,"अगर कभी ऐसा दिन आए, जब आप दरवाजा खटखटाएं ,और मेरी तरफ से कोई प्रतिक्रिया न मिले, तो कृपया पुलिस को फोन करें!"

उनकी बात सुनकर एक बार अजीब सा लगा  और तुरंत वो पूछने लगा, "क्यों मैडम ऐसा क्यो कह रही हैं आप?"

तब वो बोलीं, "मेरे पतिदेव  का निधन हो गया है, मेरा बेटा और बेटी दोनों उनके परिवार के साथ विदेश में रहते है, और मैं यहाँ अकेली रहती हूँ । कौन जाने, मेरा बुलावा कब आ जाए ?"इसलिए ऐसा करना  चाहती हूं क्या आप मदद करेंगे?

उस पल,कहते हुए   उस बुज़ुर्ग औरत की आंखों में छलक आए आंसुओं को देख अखबार वाले के मन में  एक हलचल  सी महसूस हुई

वो मैडम आगे कहती जा रही थी, "मैं अखबार नहीं पढ़ती,मैं दरवाजा खटखटाने या दरवाजे की घंटी बजने की आवाज सुनने के लिए अखबार लेती हूं। किसी परिचित से ,चेहरे को, देखने और बस कुछ बातें ऐसे ही आदान-प्रदान करने के इरादे से में ऐसा करने का बोल रही हूं!"

 बाद में हाथ जोड़कर कहने लगीं, "कृपया मुझ पर एक एहसान करो! यह मेरे बेटे और बेटी का विदेशी फोन नंबर है। अगर किसी दिन तुम दरवाजा खटखटाओ और मैं जवाब न दूं, तो कृपया मेरे बेटे या बेटी को फोन करके इस बारे में सूचित कर देना।"और ये कहते हुए उन्होंने उनके नंबर भी दिए,

निरूतर सा अखबार वाला उनको देखता रहा,और एक कड़वी सच्चाई कों ,सुनते हुए उनको ये काम करने से  मना नहीं कर सका !



 

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