गुरुवार, 6 मार्च 2025

* बाद में *

 टहनियों पर लगे पीले पत्ते मत तोड़ो तुम 

चन्द रोज़ में खुद बा खुद झड़ जाएंगे,,

बैठा करो कुछ देर तो घर के बुजुर्गों के पास, 

एक दिन खुद ही ये आपके पास से चले जाएंगे,,

खर्चनें दो उन्हें बेहिसाब हर चीज़ तुम यारों, 

एक दिन सबकुछ तुम्हारे लिए छोड़ जाएंगे, 

मत टोको उनको बार-बार उन्हें बात दोहराने पर, 

एकदिन खुद हमेशा के लिए ख़ामोश हो जाएंगे,,

इनका आशीर्वाद ले लिया करो सर पर हाथ रखकर, 

वर्ना फिर ये तस्वीरों मे ही नज़र आएंगे, 

दो वक्त की रोटी तो समय पर दे दिया करो, 

इज्ज़त और प्यार मोहब्बत के साथ,,

वर्ना फिर श्राद्ध मे भी देखना खाने नही आएंगे,,

आँखे इन्तज़ार करेंगी इन बूढ़ी आत्माओं का 

पर ये कहीं नज़र नहीं आएंगे,,

एक दिन कीमत खुद जान जाओगे उनकी 

 जब उनकी उम्र पर तुम आओगे ,,, 🙏🌺🙏

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