इंसान का शरीर नश्वर है, परंतु अपने विचार और कर्म कभी मरते नही हैं, ये प्रेरणा बनकर लाखों लोगो के उत्साह की ज्योति बन जाते है. वास्तव में मृत्यु के दिन ,जो मृत्यु होती है वो भावमृत्यु होती ही जो जीवन का सबसे खूबसूरत सत्य है.मैं जानती हूं , परिवर्तन प्रकृति का नियम है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ विचारों में स्वाभाविक तौर से बदलाव आता ही है. मैं भी यह एक *पुण्यकार्य* मेरी आत्मा की शांति के लिऐ करवाना चाहती हूं ,जब मैं इस दुनिया से चली जाऊं, तब मेरे मृत शरीर का *देह दान* किया जाए,क्योंकि व्यर्थ इसे जलाकर भस्म करने से अच्छा है की कोई इस मृत शरीर से पढ़ लिख कर डॉक्टर बनकर ,किसी और की ,जान को बचाए ,और मुझे जब खूब ,खुशी होगी की मेरे सारे ,चाहने वाले,मेरे मृत शरीर को ,नाचते,गाते ,बारात की तरह,अस्पताल तक ले जाएं, घर आकर 11 घी के दिए भी जलाए, खूब मिठाईयां और पकवान बनाएं ,एक जश्न जैसा माहौल बनाया जाए, और मेरे , उठावने वाले, तीसरे दिन, मेरे सारे,हर तरह के शोक, खत्म किए जाएं ,इस रोज भी पूरे घर में, खुशियों जैसा, माहौल बनाकर रखें, कोई भी मेरे लिए दुखी नहीं होवे, क्योंकि मैं इस सबके साथ बहुत रही हूं ,मेरा सभी से लगाव,जो,ही,वो, मरने के बाद भी, बना रहेगा, मैं सबको नजदीक महसूस करती रहूंगी, उठावने वाले दिन के बाद ही, सारे कार्यक्रम को पूर्ण रूप से विराम दे दिया जाए,और सब अपनी अपनी जिंदगी जैसे जी रहे थे वैसे ही जीना शुरु कर देवें, मैं चाहती हूं कि जैसे जब परिवार में कोई जन्म लेता है तो बड़ी ख़ुशी होती है. उत्सव मनाया जाता है. वैसा ही मेरी मृत्यु को भी एक जश्न का रूप दिया जाए शरीर तो नश्वर है एक दिन इसे सबकों छोड़कर जाना है,तो क्यों इस दिन को दुखी होकर रोया धोया जाए,जश्न के रूप में,मेरे इन दिनों को भी इस तरह यादगार बनाया जाए 🙏🌹
(स्वरचित)
अनीता सुखवाल
उदयपुर
19 अप्रैल 2023
अच्छे भाव हैं पर जो मृत्यु को प्राप्त होता है उसके जो एक दम करीबी हैं उनके लिए ऐसा भाव और उत्सव मानना शायद ही सम्भव हो पाये🙏🏻देह दान अच्छा होता है ये सही है पर बाक़ी चीज़े जो लिखी हैं वो हम किस समय मृत्यु को और किस परिस्थिति मैं जाते हैं उस पर निर्भर है☺️
जवाब देंहटाएंबहुत सही बात कही आपने,सभी का अपना अपना सोचना होता है,
हटाएंमें सोचती हूं,के इसको एक जश्न का रूप दिया जाए,किसी को
ज्यादा वक्त तक क्यों मरने के बाद भी बांध के रखा जाए
आजकल की व्यस्तता को देखते हुए बस मन के विचार हैं,बाकी
जाने के बाद किसको पता क्या अंत में होगा,आपने कमेंट के लिए
तहेदिल से शुक्रिया आभार
Bilkul sahee likha Anita. parantu aapka jis vyakti se jaisa rishta hota usko vaisa dukh hota hai kyunki aap kisi ki patni v kisi ki Maa kisi ki dost kisi ki behan rahee thee. Kisi ke Jane se uski Kami hee pareshan kartee hai v uske sath bitayee Pal....isliye celebrate to nahee kar sakte but hansee Khushi vidai kar sakte hai...
जवाब देंहटाएंयह बात एकदम 100%बीबी सही कही ही आपने ,जिसको जितना दुखी होना ही जीवन के अंत तक उसको दुख रहेगा ही,परंतु अब सभी के व्यस्त ताओं के चलते उनको जल्दी से जल्दी इस दुख से उबरने के लिए ,मन की बात कहने का बहुत मन किया,जीते जी कहना उचित ही,बाद में जिसको जो समझ आएगा करेंगे ही,में बस उनको ज्यादा दुख नहीं देना चाहती हूं,बस इसीलिए मन के विचारों को कागज पर उतारा है,दिल से आपका शुक्रिया आभार आपने व्यस्त समय से ,समय निकलकर इसे पढ़ा और अपने विचार बताए
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