बुधवार, 9 अप्रैल 2025

*मेरे दो अनमोल रतन*

 *मेरे दो अनमोल रतन*


*धीरे धीरे मेरे बेटे मेरी माँ बनते जा रहे हैं*

*अब तक मैंने देखभाल की ,सम्भाला उनको*  

*अब वे बड़े प्यार से मुझे सम्भाल रहे हैं*


*धीरे धीरे मेरे बेटे मेरी माँ बनते जा रहे हैं*

*महसूस करती हूं में भी उनकी भावनाओं को*


*पर बहुत अंतर हो गया है उनके और मेरे तरीक़े और सोच में*


मैं कहती थी *चुप रहो शोर मत करो*,

वो कहते हैं *बातें करो चुप मत रहो*,


मैं कहती थी, *गंदे पाँव ऊपर मत रखो*,

वो कहते हैं *पाव सूज जाएँगे ऊपर ही रखो* 


 मैं कहती थी *उल्टा सीधा मत खाओ पेट ख़राब होगा*

*वजन बढ़ जाएगा* 

वो कहते हैं *जो मन हो वह खा लो मां... जो भी कहोगी ऑनलाइन आ जाएगा* बोलो क्या मंगाना है?


मैं तड़के उठाती थी *पढ़ो व्यायाम करो* 

वो कहते है अब *देर से उठना माँ आराम करो* 


सिखाने के लिहाज़ से मैं कहती थी *थोड़े काम घर के भी किया करो* 

वो कहते हैं *बहुत कर लिया मां,अब आराम भी करो बाइयां किसके लिए लगाई हैं * एक दिन नही होगा तो कौन सा तूफान आ जायेगा


उनकी हर ज़िद पूरी नही करती थी मैं उनके बिगड़ जाने के डर से 

पर बेटे *बिना कहे ही, मेरी हर इच्छा जान जाते हैं , न जाने किधर से* बिना मांगे,सामान घर पर ही आ जाता 


मैं कहती समय पर खेलकूद, समय, पर पढ़ाई,करो अब 

वो कहते के *समय पर खाना सोना समय पर दवाई*.. लो 


 मैं ....रोज दोस्तों के साथ बेमतलब, घूमना, हुड़दंग ना करो,कहती रहती थी और वो

 वो...अब कहते हैं...*माँ सहेलियों से बातें करो , किट्टी करो*..खूब घुमा फिरा करो, वीडियो ,फोटो बनाया करो ,गाने गाया करो,मीडिया में मोजूद आपके सारे शौक का मसाला है,जो मन करे, उसमें देखा करो 


मैं--- कहती के सिनेमा नही जाओ, घर में भी रहा करो ,

वो--कहते हैं कि- * पिक्चरें बहुत अच्छी है मां Netflix पर देखा करो* मेने सब्सक्राइब कर रखा है आराम से खूब देखा करो


उन्हें नित नए फ़ैशन के उटपटांग कपड़े पहनने से रोकती थी , और 

*वो ऑनलाइन फैशन के सारे सामान मंगाते हैं क्रीम, मास्क जुड़े *मेरे चेहरे पे* निखर लाने के लिए बस,

और कहते हैं ….….*chil माँ try तो करो* 😘🤗

अरे कुछ मंगाऊं क्या ये बस आप बोलो, इनके साथ साथ अब कई बाते पोता भी दोहराता रहता है , फिल्टर ऐसे लगाते हैं दादी लगाओ देखो कितने अच्छे होते हैं, नई नई टैक्नोलॉजी बतियाता रहता है, समय के साथ वक्त का परिंदा उड़ता सा लगता है😊😊😊

धन्य है जीवन मेरा अब इस उमर में बस उनका ऐसा साथ अच्छा लगता है, बूढ़े होंगे अपने दुश्मन कहकर, में अब उन अनमोल रत्नों का सारा कहा ,सुन लेती हूं,बहुत अच्छा और गर्व सा महसूस कर लेती हूं 😘💓😘💓

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