रविवार, 16 अप्रैल 2023

*मन का चिंतन*

 एक लड़की अपनी माँ के पास आकर अपनी परेशानियों का बखान कर रही थी बोली मां देखो ना 

आजकल मैं,हर काम में फेल होने लगी हूं,,मेरा प्यारी सहेली से झगड़ा हो गया ,और तो और आज मनपसंद ड्रेस प्रैस कर रही थी तो वो भी जल गई ,बताते हुए वो रो पड़ी और रोते हुए बोली, मम्मी ,देखो ना ,मेरी जिन्दगी के साथ सब कुछ उलटा - पुल्टा ही क्यों हो रहा है l माँ ने मुस्कराते हुए कहा,

यह उदासी और रोना छोड़ो, चल मेरे साथ रसोई में ,आज"तुम्हारा मनपसंद केक बनाकर खिलाती हूँ" l

लड़की का रोना बंद हो गया और हंसते हुये बोली,"केक तो मेरी मनपसंद मिठाई है" फिर वो दोनो रसोई की तरफ जाने लगे, कितनी देर में बनेगा,बेटी ने चहकते हुए पूछा ,

माँ ने सबसे पहले मैदे का डिब्बा उठाया और प्यार से कहा, ले पहले मैदा खा ले ,लड़की मुंह बनाते हुए बोली, इसे कोई खाता है भला?

माँ ने फिर मुस्कराते हुये कहा, "तो ले सौ ग्राम चीनी ही खा ले" ,एसेंस और मिल्कमेड का डिब्बा दिखाया और कहा लो इसका भी स्वाद चख तो ले,

लड़की हंसते हुए बोली "माँ" आज तुम्हें क्या हो गया है?जो मुझे इस तरह की चीजें खाने को दे रही हो ?

माँ ने बड़े प्यार और शांति से जवाब दिया, "बेटी"केक इन सभी बेस्वादी चीजों से ही बनता है और ये सभी

मिलकर ही तो केक को स्वादिष्ट बनाती हैं .मैं तुम्हें सिखाना चाह रही थी कि"जिंदगी का केक"

भी इसी प्रकार की बेस्वाद घटनाओं को मिलाकर बनाया जाता है ,हर काम में अगर फेल हो रही हो तो इसे चुनौती समझो मेहनत करने मेंजुट जाओ ,सहेली से झगड़ा हो गया है तो अपना व्यवहार इतना मीठा बनाओ  ताकिफिर कभी किसी से झगड़ा न हो ,यदि मानसिक तनाव के कारण "ड्रेस" जल गईतो आगे से सदा ध्यान रखो कि मन की स्थिति हर परिस्थिति में अच्छी रखना चाहिए ,बिगड़े मन से काम भी तो बिगड़ेंगे ,कार्यों को कुशलता से करने के लिए मन के चिंतन को कुशल बनाना अनिवार्य है ,बेटी को मां की बातों से बहुत सकून मिला,वह प्यार से मां के गले लग गई |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

thanx for your valuable comments