सोमवार, 14 फ़रवरी 2022

*🙏 छोड दीजिए। 🙏*

 🙏🏼😊   *बुढ़ापे में इन्हें छोड़  दीजिए*   😊🙏🏼


एक दो बार समझाने से यदि कोई नही समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना,

     🙏🏼   *छोड़ दीजिए*  🙏🏼


बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना,

     🙏🏼 *छोड़ दीजिए।*  🙏🏼


 गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं जुड़ते तो उन्हें,

     🙏🏼   *छोड़ दीजिए।*  🙏🏼 


 एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना,

     🙏🏼   *छोड़ दीजिए।*  🙏🏼 


अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना,

     🙏🏼   *छोड़ दीजिए।*  🙏🏼 


यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना,

     🙏🏼   *छोड़ दीजिए।*  🙏🏼


हर किसी का पद, कद, 

मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना,

     🙏🏼   *छोड़ दीजिए।*  🙏🏼 


बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना,

     🙏🏼   *छोड़ दीजिए।*  🙏🏼


उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना,

    *🙏 छोड दीजिए। 🙏*



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