"Excellent poem by gulzar ...appreciate and enjoy ....
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> ऐ उम्र !
> कुछ कहा मैंने,
> पर शायद तूने सुना नहीँ..
> तू छीन सकती है बचपन मेरा,
> पर बचपना नहीं..!!
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> हर बात का कोई जवाब नही होता
> हर इश्क का नाम खराब नही होता...
> यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले
> मगर हर नशे का नाम शराब नही होता...
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> खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है
> हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है
> जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,
> असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है..
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> किसी ने खुदासे दुआ मांगी
> दुआ में अपनी मौत मांगी,
> खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दु मगर,
> उसे क्या कहु जिसने तेरी जिंदगी की दुआ मांगी...
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> हर इंन्सान का दिल बुरा नही होता
> हर एक इन्सान बुरा नही होता
> बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से....
> हर बार कुसुर हवा का नही होता !!!
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