बुधवार, 24 नवंबर 2021

गुलजार जी की कविता

 "Excellent poem by gulzar ...appreciate and enjoy ....

>

> ऐ उम्र !

> कुछ कहा मैंने,

> पर शायद तूने सुना नहीँ..

> तू छीन सकती है बचपन मेरा,

> पर बचपना नहीं..!!

>

> हर बात का कोई जवाब नही होता

> हर इश्क का नाम खराब नही होता...

> यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले

> मगर हर नशे का नाम शराब नही होता...

>

> खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है

> हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है

> जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,

> असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है..

>

>  किसी ने खुदासे दुआ मांगी

> दुआ में अपनी मौत मांगी,

> खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दु मगर,

> उसे क्या कहु जिसने तेरी जिंदगी की दुआ मांगी...

>

> हर इंन्सान का दिल बुरा नही होता

> हर एक इन्सान बुरा नही होता

> बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से....

> हर बार कुसुर हवा का नही होता !!!


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