शादी के वक्त से तुम कहते आये हो के हम दोनों एक हैं , अब शादी के करीबन अड़तीस साल बाद तो,,अपने बराबर करके मुझे देखो ना, मत करो वादे जन्मो के ,एक पल ख़ुशी की वजह बनो, न . जब में किचेन में जाउं ,,तुम थोड़ा हाथ बटा दिया करो न कभी सब्जियों में ,अदरक, हरीमिर्च डाली ही हुई है, मान भी लिया करो ना ,मे पसंद नापसंद जानती हूँ सब, मान भी लिया करो ना ,कहकर बार बार इसे ही, मन को अशांत नही किया करो ना, ,दूसरों को .जैसा सम्मान देते हो ..वैसा ,, घरवालों को भी ,,,वैसा ही सम्मान दिया करो ना, ,बार बार ज्यादा, पढ़ी लिखी का कहकर ,खुद ,
को
परेशान मत किया करो ना,कभी तो इसी बात को लेकर गर्व भी कर लिया करो ना ,,,मान सम्मान का ही भूखा होता है ,हरेक इंसान ,,कभी तो ऐसा भी सोच लिया करो ना ,,,,, ये मत सोचो के इससे वो, आपसे ऊँचे हो जायेंगे जायेंगें , बस थोड़ा उनका भी कोई वजूद है,,,ये भी समझ लिया करो ना, हर वक्त खुद ही सही हो,जरूरी नहीं ,कभी हंसकर हार भी मान लिया करो ना ,,,कभी अपने बुरे वक़्त को याद करके देख लेना, उस वक्त
कितना कौन कौन,काम आया था ,,बस इसी से ,अपनों पहचान कर लिया करो न,,, वैसे मै कभी नही कहती कि,, सारी बातो का श्रेय अपनों को ही दो,पर कभी कुछ औरों की तरह , अपनों, भी सम्मान दिया करो ना। व्यस्त रहती
हूँ
कभी जब में , किसी काम में में ,थोड़ी मदद कर दिया करो न ,बस यूँ ही एक हे एक हे, कह कर ,जिन्दगी कहाँ चलती हे ,,, कभी तुम भी दबा दो न सर मेरा , ये कमी तो मुझे भी, कभी ..बहुत , अखरती है , जब में कभी बाहर जाती हूँ ,तुम ही घर को स्रवांर कर
रख दिया करो न ,,तुमने कहा था के हम एक ही हे तो अब,अपने बराबर मुझे भी कर् दो न,
आओ पास बैठो कुछ बातें करो ,कभी मेरे दिल के जखमो को
भी भर दिया करो न , क्यों कहना भी पड़ता हे हर बार हमे , के जितना वक्त दोस्तों और मोबाइल में बिताते हो ,कभी तो यूं इन अनकही बातों को भी समझ लिआ करो ना ,तुमने कहा था हम एक ही हैं तो अब अपने बराबर कर दो ना , तुम टीवी में ,,क्रिकेट भी अपना देखो , ,,,, कभी सीरियल लगा दूँ क्या? ,बस यही पूछ लिया करो न , ,, ऐसे में, ही कभी कभी ,मेरे घर पर नही रहने के वक्त, खंगालना.ना. मेरा कमरा ,,टटोलना.ना .मेरी हर एक चीज़ ,,,, बिन ताले के मेरा सारा सामान.. बिखरा पड़ा है, मेरे तमाम ख्वाब कभी,, जा कर देखो न ,,,,टेबल पर.. मेरे,, देखना कुछ रंग पड़े होंगे,,इस रंगों की तरह,, कभी,, अपनी जिंदगी को भी ..रंगीन कर दो ना,, कहा जाता है न हम दोनों का भविष्य एक ही है, ,तो,,ये बात को सच भी साबित करो ना , हम,एक दूसरे की परछाई सी बनकर रहें, क्यों ना,ऐसा कुछ करो ना ,तुम भी नए से हो जाओ अब, ,,नयी सी ,,मुझको भी होने दो न,,कभी ऐसा लगता है.मुझसे खुशनसीब तो मेरे लिखे ये लफ्ज..हैं....
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी तो सही,, ये निगाहे...., कुछ ऐसी ही ख़ुशी की वजह बनो ना..... ..मुस्कराने के मकसद न ढूंढ मेरे साथी , वरना जिंदगी यूँ ही कट जाएगी,,,कभी बेवजह भी अपने साथी के साथ मुस्कराकर देख, तेरे साथ साथ ,अपनों की भी ,,जिंदगी,भी मुस्करायेगी
#Inspired by Divya&Rahul dutta poem*
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी तो सही,, ये निगाहे...., कुछ ऐसी ही ख़ुशी की वजह बनो ना..... ..मुस्कराने के मकसद न ढूंढ मेरे साथी , वरना जिंदगी यूँ ही कट जाएगी,,,कभी बेवजह भी अपने साथी के साथ मुस्कराकर देख, तेरे साथ साथ ,अपनों की भी ,,जिंदगी,भी मुस्करायेगी
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