गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

ज्ञान दौलत और इज्ज़त

ज्ञान दौलत और इज्ज़त …य़े तीनो दोस्त एक जगह जमा हुए , जब बिछड़ने का वक़्त आया तो उन तीनो के बीच कुछ इस तरह से बात हुई :-
ज्ञान …. मै जा रहा हूँ अगर मुझे मिलना हो तो विद्वानों की सोहबत और उनकी किताबों में मिलूँगा ।
दौलत …. मै भी जा रही हूँ अगर मुझे मिलना हो तो अमीरों के महलों में मिलना । 
इज्ज़त ने कुछ नही कहा तो ज्ञान और दौलत ने पूछा , तुम खामोश क्यों हो ? अब तुम दोबारा कहाँ मिलोगी ।
इज्ज़त …. अफ़सोस है कि जब मैं एक बार चली जाती हूँ तो दोबारा कहीं नही मिलती ।

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