एक लड़की अपनी माँ के पास अपनी परेशानियों काबखान कर रही थी l
वो परीक्षl में फेल हो गई थी l सहेली से झगड़ा हो गया l मनपसंद ड्रेस प्रैस कर रही थी वो जल गई l
रोते हुए बोली, मम्मी ,देखो ना , मेरी जिन्दगी के साथ सब कुछ उलटा -पुल्टा हो रहा है l
माँ ने मुस्कराते हुए कहा, यह उदासी और रोना छोड़ो, चलो मेरे साथ रसोई में , "तुम्हारा मनपसंद केक बनाकर खिलाती हूँ"l
लड़की का रोना बंद हो गया और हंसते हुये बोली,"केक तो मेरी मनपसंद मिठाई है"l
कितनी देर में बनेगा, कन्या ने चहकते हुए पूछा l
माँ ने सबसे पहले मैदे का डिब्बा उठाया और प्यार से कहा, ले पहले मैदा खा ले l
लड़की मुंह बनाते हुए बोली, इसे कोई खाता है भला l
माँ ने फिर मुस्कराते हुये कहा,"तो ले सौ ग्राम चीनी ही खा ले"l
एसेंस और मिल्कमेड का डिब्बा दिखाया और कहा लो इसका भी स्वाद चख लो
"माँ" आज तुम्हें क्या हो गया है? जो मुझे इस तरह की चीजें खाने को दे रही हो ?
माँ ने बड़े प्यार और शांति से जवाब दिया,"बेटा" केक इन सभी बेस्वादी चीजों से ही बनता है और ये सभी मिलकर ही तो केक को स्वादिष्ट बनाती हैं .
मैं तुम्हें सिखाना चाह रही थी कि"जिंदगी का केक" भी इसी प्रकार की बेस्वाद घटनाओं को मिलाकर बनाया जाता है l
फेल हो गई हो तो इसे चुनौती समझो मेहनत करके पास हो जाओ l
सहेली से झगड़ा हो गया है
तो अपना व्यवहार इतना मीठा बनाओ कि फिर कभी किसी से झगड़ा न होl
यदि मानसिक तनाव के कारण "ड्रेस" जल गई तो आगेसे सदा ध्यान रखो कि मन की स्थिति हर परिस्थिति में अच्छी हो l
बिगड़े मन से काम भी तो बिगड़ेंगेl
कार्यों को कुशलता से करने के लिएमन के चिंतनको कुशल बनाना अनिवार्य है !
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