मैं थोड़ी भावुक ,तो थोड़ी गुस्सैल हूं, कभी मुंह फट सी भी कह देती हूं, मैं किसी को बहुत पसंद ,तो किसी को दिखाई तक नहीं देती हूं,मैं किसी के हर कदम पर,साथ तो, किसी के, कदमों के पीछे की, निशान भी हूं, कभी सहती हूं ,कभी कहती हूं, मैं पल में आंसू ,पल में हंस देती हूं, मैं किसी के लिए गुलाब ,तो किसी के लिए कांटो की बौछार भी हूं ,सच तो बस इतना है, जो मेरे साथ जैसा है, उसके साथ में वैसी हूं ,
हां मैं बहुत रूपों में बसी हूं ,खुद किसी की,एक बेटी ,और दो बेटो की मां हूं,,बस इतनी मेरी अपनी पहचान है,
कुछ लाइन जिसमे मन की बातें शामिल हैं
```मैं रूठा, तुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप, तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?
हर छोटी मोटी बात को लगा लोगे दिल से,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
ना मैं राजी, ना तुम राजी,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने भी आँखें....
तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?```♥️
हां मैं बहुत रूपों में बसी हूं ,खुद किसी की,एक बेटी ,और दो बेटो की मां हूं,,बस इतनी मेरी अपनी पहचान है,
कुछ लाइन जिसमे मन की बातें शामिल हैं
```मैं रूठा, तुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप, तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?
हर छोटी मोटी बात को लगा लोगे दिल से,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
ना मैं राजी, ना तुम राजी,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने भी आँखें....
तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?```♥️