मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

**मेरी कहानी मेरी जुबानी**

👇👇👇👇
**मेरी कहानी मेरी जुबानी**
हेलो 👐सभी को मेरा नमस्कार🙏 मैं अनीता सुखवाल उदयपुर की हूं। मेरा पीहर इंदौर है।मैने वनस्पति शास्त्र में एम् एस सी किया है,मेरी होलकर साइंस कॉलेज में, मेरिट में चोथी पोजीशन थी। पी एच डी करते हुए ही, क्यूंकी मेरी शादी उदयपुर हो गई थी, तो वो काम अधूरा रह गया। मैं  पूरी तरह नए  खूबसूरत शहर के ,परिवार में ,जहां का नया माहौल,नया खानपान,नए तरह का पहनाना ओढ़ना, सब तरह के कामो में रच बस सी गई।परिवार मेरा ज्वाइंट है इसलिए काम खूब रहता था फिर भी बहुत बार  जरूर ऐसा लगा ,के मेरी
 पढाई के अनुरूप में कुछ भी नहीं कर पा रही हूं, कई बार नौकरी करू,ऐसा ख़्याल आता था, पर हर बार पतिदेव ने मना किया।बोलते रहते, के घर के काम क्या कम  हैं, जो बाहर जा के करना है l ढेर सारे शौक थे मेरे तो इन्हें में, कैसे और कब पूरे करूंगी ?समझ नही आता था,मन मसोस कर रह जाती थी,धीरे धीरे  समय के साथ दो बेटों का आगमन हुआ,इनकी परवरिश में समय भागा चला गया।आज बडा इंफोसिस में इंजिनियर है और छोटा शेफ  है।इनको देखकर लगता है मैने शायद उस वक्त जिद करके, नौकरी की होती तो आज ये पता भी किस मुकाम पर होते।अब इस उम्र के पड़ाव  मैं अपने तमाम
 शौक पूरे करती हूं।शुरू से ही मेरी तरह तरह की हॉबी रही थी ,इसलिए मैने श्रीनाथी की ग्लास पेंटिंग्स बनाई। अब इसके साथ , मै बच्चो को, सीखाकर अपने समय का सदुपयोग करती हूं और परिवार वालों का भी ख्याल रखती हूं।मुझे कहानियां कविताएं  लिखने का भी खूब शौक है,इसके लिए एक ब्लॉग ,मैने बनाया है ।मुझे ऊनी  क्रोशिए की टोपी बनाने का बहुत शौक है। हर बार ठंड के आगमन के साथ हमारे रिश्तेदारों की ओर दोस्तो को टोपियां बना के देना मेरा शौक है
छोटे बच्चो के बेबी फ्रोक बूटी बनाना मेरे मनपसंद काम है।इसको मैने अब प्रोफ़ेशनल तरीके से भी बनाना शुरू किया है।मैने शायद कोई भी काम के लिए आज तक ना नही किया और  में समझती हूं ,किसी भी काम को सीखना है या सिखाना  है तो इसकी कोई उम्र नहीं होती ।आज भी में समय के साथ  जब भी फ्री  रहती हूं ऑनलाइन खूब सिखती हूं यहां से मुझे अपने शौक के अनुसार बहुत अच्छा सीखना मिल जाता है।और अपने शौक को बच्चो और महिलाओ को सिखाकर बहुत खुश होती हूं। मैने  अभी मात्र  इकसठ वसंत देखे है, पर अभी भी मेरा सीखना और सिखाना कम नहीं पड़ा है।श्रीनाथजी की कला के साथ साथ,मेने हॉबी क्लासेज में करीबन दो सौ एक्टिविटीज , डांस म्यूजिक के सारे काम सिखाना शुरू किए है, जिसमें में अपने आप को व्यस्त  रखती हूं। शायद मेरे  यही जीवन का सार है। बस सीखो और खूब सिखाओ ।
#hobby classes
#hobbyideas
#danceclasses
#musiclasses
#shrinathjiart
#shridarshan
#canwaspainting
#glasspainting
#wollenart
#quillingarts
#pencilsketching
#kunadanmirror
#reverseglassart
#instrumentart
#computerclass
#bestoutofweastsart
#creativities
#stencilart
# T-shirt printing
#cutartstencilart
#acralicart
#fabricart
#drawing
#painting
#arts&crafts
#atozarts&crafts
#embroidary
#knitting
#chrochetsart
#stiching
#storiesofudaipur #story
 #shortstories #instastories #personalblog #antasukhwal
#love #friendship #care #spirit #dedication #motivation #education  #boosttyself #words #wow #writings #letswrite #letsknow #letsfollow #cityoflakes #culture #udaipurstories #yourquote #wow #udaipurstories
#inspiratio

सोमवार, 8 अप्रैल 2019

*** औरतों की छोटी-छोटी खुशियां ****

 कुछ नहीं कहती ,कुछ नहीं मांगती कुछ नहीं चाहती
बस छोटी-छोटी  ,खुशियां होती है औरतों की..
जरूरत के सामान के साथ,सब छोड़ के आई है
यादों के पुलिन्दे के सिवाय,कुछ भी नहीं लाई है ।
उस निर्वासन, उस विलगता, उस बिछोह,
उस अकेलेपन का दर्द ,महसूस भी होना जरूरी है ......
पहले ही दिन से सब बदल जाता है
रसोई, आँगन, दरवाजाबाथरूम, छत और रसोई ।
बीस-पच्चीस बरस तक जिस जगह खेली-पली-बढ़ी
वो एक पल में छूट जाता है रह-रहकर बस याद आता है ।
उसे क्या चाहिये,सोना-चांदी, हीरे मोती
मंहगें वस्त्र, धन-दौलत नहीं... नहीं
ये सब मिट्टी है उसके लिये ये सब तो वो संग ही ले आई ।
उसे समानुभूति - सम्मान करने वाला और
बिना कहे समझने वालाएक हमसफर चाहिये...
उसे सच्चा महत्व- प्यार देने वाला और
अकेलापन दूर करने वालाएक अदद दोस्त चाहिये....
वो रहती है, चार दीवारी में सहेजती- समेटती सामान को
वो सँवारती है घर आँगन को वो भी मन-तन से थक जाती है ....
दो मीठे बोल मिटाते हैं,उसकी सारी तकलीफें
यदा-कदा तारीफ से भी वो गुड़फील करती है
क्या हुआ जो समय पर,खाना नहीं बना
क्या हुआ जो किसी दिन,घर पूरा फैला हुआ है
क्या हुआ जो तैयार होने मेंवो थोड़ी देर करती है
वो भी रिमोट हाथ में रखकर,तकिये पर सिर टिकाकर
बगल में मोबाईल रखकर,घण्टों न्यूज देखना चाहती है
वो भी हफ्ते में किसी एक दिन रोजमर्रा के कामों को भूलकर
छह दिनों की ऊर्जा के लिये,अवकाश रखने की हकदार है....
वो याद रखती है, हर तारीख ,दूध की नागा, व्रत- त्यौंहार
वो भूल नहीं पाती है कभी भी,जन्मदिनों को,शादी-ब्याह को
उसे भी हक है कि कोई बताये,उसे भी कोई यादगार लम्हा
दिन-रात में कुछ देर ही सही,पर कोई करें उससे कुछ बातें
मंहगा नेकलैस नहीं चाहिये,उसे सरप्राईज चाहिये नया
एक गुलाब भी उसका चेहरा,खुशी से लाल कर सकता है
जब बना रही हो वो खाना,पसीने ले तरबतर परेशान
धीमे पांव जाकर, छू लेना,से तरोताज़ा कर सकता है....
जब धो रही हो वो कपड़े,अपनी नाजुक हथेलियों से
"सुनों ! कपड़े मैं सुखा दूंगा"सुनना उसे अच्छा लगता है
नमक तेज़ हो या मिर्च,उसने चाहकर तो नहीं किया
हम बना ही नहीं सकते तो,कमियां बताना जरूरी तो नहीं
उसे गुस्सा करने दो,उसे खुलकर बोलने दो
उसे अपनी राय रखने दो,उसे भी उन्मुक्त बनने दो
वो भी एक दिल, दो किड़नी,एक यकृत रखती है
उसकी भी सांस भरती है,घुटने और कमर दुखती है
वो क्यों ना हँसे सबके सामने,वो क्यों ना सोये देर सुबह तक
वो भी आखिर इन्सान है...उसके भी छोटे -छोटे से अरमान हैं ।
कुछ नहीं कहती,कुछ नहीं मांगती
कुछ नहीं चाहती,बस छोटी-छोटी
खुशियां होती है औरतों की..👆🙏🏻🌹