शुक्रवार, 29 जून 2018

बाकी सब ठीक है


थोड़ी तकलीफ़ , थोड़ा गम, थोड़ी परेशानियाँ है
बाकी सब ठीक है ....

चंद मुश्किलें , थोड़ी उलझन ,  थोड़ी बेचैनियाँ है
बाकी सब ठीक है .....

कभी रुक सी जाती है धड़कन , ये साँसें अटक जाती हैं
कुछ उम्र की थकावट ,  कुछ बीमारियाँ है
बाकी सब ठीक है ......

जी रहे हैं हम ,  या यूँ की ,  रस्म अदायगी समझो
कुछ अड़चने , थोड़ी कठिनाइयाँ हैं
बाकी सब ठीक है ....

कहने को ,  यूँ तो ,  बहुत कुछ है लेकिन
कुछ बेबसी ,  कुछ मजबूरियाँ हैं
बाकी सब ठीक है .....

हों अपने ,  या की गैर ,  सब एक से हैं
यहाँ धोखे ,  वहाँ रुसवाईयाँ हैं
बाकी सब ठीक है ....

कभी लड़ पड़ते हैं मुझसे ,  कभी ,  एक ओर बिठा देते हैं
मेरे बच्चों में ! थोड़ा बचपना है , थोड़ी नादानियाँ हैं
बाकी सब ठीक है ......

समय की चोट से ,  दो हिस्सों में ...बँट गया है मन
एक तरफ शोर बहुत ,  एक तरफ खामोशियां है
बाकी सब ठीक है .......

मुद्दतों बाद मिला ,  तो ,  हँस के आईना बोला
शिकन है ,  दर्द है ,  चेहरे पे चंद ,  झाइयां हैं
बाकी सब ठीक है ......

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