सोमवार, 14 जुलाई 2014

ह्र्य्दयस्पर्शी लेख*

ह्र्य्दयस्पर्शी लेख**
जिंदगी प्यार की दो चार घड़ी होती हे 
ये मशहूर गण एक हकीकत को बया करता हे 
मेने आज ये आर्टिकल पढ़कर अपने मरने के बाद 
देहदान  सकल्प  कर लिए हे ,तो सभी अपनों को 
में रहते हुए बताना चाहती हु की मेरे बाद य मेरी दहन 
मेरे इच्छा अनुसार की जाये ,ताकि मरने के बाद भी 
अपनी देह  रख के ढेर बनने से तो अच्छा हे की 
किसी के काम आ सके;  यदि  में कौमा में चली जाऊ तो मेरे सभी अंगो  का दान किआ जाये